15 अगस्त 1947 में भारत की आज़ादी को महज़ दो महीने ही हुए थे लेकिन उसी 2 महीने के भीतर 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला करके अपने घिनौने इरादे जग जाहिर कर दिए थे, उस दिन से लेकर आज तक कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्ध हो चुके हैं, 1947 , 1965 ,और 1999 में कारगिल युद्ध।
अभी हाल ही में जबसे पाकिस्तानियों द्वारा अमरनाथ में आतंकी हमला हुआ है तब से भारतीय सेना ने 40 फूट ऊपर छुपे 3 आतंकियों को मार गिराया है. इन तीनों आतंकवादियों का संबंध जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन से था. आपको बता दें ये दूसरी बार है जब अमरनाथ हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों को मार गिराया है. मारे गये 3 आतंकियों को लेकर कई बड़े खुलासे भी हुए हैं जिनमें से एक खुलासा ऐसा है जो काफी चौकाने वाला है. ये खुलासा आपका खून खौला देगा, जनता की कमाई पर आतंकियों की ऐश जम्मू-कश्मीर में BJP और PDP की सरकार है,लेकिन पिछली कई सरकारों के राज में जो वहां होता आया है वो सच में अकल्पनीय है.
आज हम एक ऐसे खुलासे पर बात करने जा रहे हैं जिसे जानकर आपका खून खौल जाएगा. जिस देश में गरीब की थाली की कीमत 25 से 30 रुपये तौली जाती है, वहां जेल में बंद खतरनाक आतंकवादियों और अलगाववादियों को रोज 110 रुपये से ज्यादा की खाने की थाली दी जा रही है. जबकि देश की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले जवानों के राशन-पानी की कीमत सिर्फ 96 रुपये तौली गई है.
ठीक उसी तरह इस बार भी जब अमरनाथ आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया था तो मारे गये 3 आतंकियों को लेकर भी यह बड़ा खुलासा हुआ है. आपको बता दें तीनों आतंकवादी त्राल में एक 40 फूट ऊंची गुफा में रहते थे और वहीं हमले की तैयारी कर रहे थे, गुफा के अंदर प्राइवेट रूम से लेकर सोफे तक की सभी चीज़ों का इंतज़ाम था. जब पुलिस ने गुफा के अंदर जाकर देखा तो वो भी दंग रह गये थे. गुफा में बेड भी था और प्राइवेसी के लिए परदे भी लगे थे.
केंद्र की मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही कश्मीर मुद्दे पर कड़े फैसले लिए देशद्रोही अलगाववादी नेताओं को लेकर मोदी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया जिस वजह से आज वो सारे तड़प रहे हैं. NIA ने उन सभी देशद्रोहियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, लेकिन जिस तरह जेलों में उनको सुख सुविधाएं मिलती हैं वो चिंता का विषय है. आंतकियों को मिलने वाला खाना जवान की थाली पर भारी पड़ रहा है आपको भरोसा नहीं होगा कि दोनों की थालियों में पूरा 14 रुपए का फर्क है. कश्मीर की जेलों में बंद आंतकियों को जिस तरह से सुख सुविधाएं दी जाती है वो सच में चिंता का विषय है.