अमरनाथ हमले पर हुआ अबतक का सबसे बड़ा खुलासा, वो आतंकी हमला नहीं था बल्कि…

61165
Share on Facebook
Tweet on Twitter

सावन सोमवार और ऊपर से अमरनाथ यात्रा. हिन्दुओं की भाषा में या उनकी मान्यता की बात करे तो ये किसी धर्म, और जन्नत से कम नहीं होता. कहते हैं जिसने अमरनाथ की यात्रा कर ली समझ लो उसने इसी ज़िन्दगी में भगवान शिव को साक्षात ही पा लिया. लेकिन ज़रा सोचिये अगर ऐसी ही किसी यात्रा पर कुछ ऐसा हो जाये की वहां गया इंसान कभी वापिस ही ना आ पाए तो? ऐसा ही कुछ हुआ अमरनाथ यात्रा पर गए कुछ ऐसे श्रद्धालुओं के साथ जो इस यात्रा के बाद अगर अपने साथ अपने घर कुछ लेकर गए हैं तो वो है खौफ, डर, आतंकियों के साथ मुठभेड़ के वो दर्दनाक कुछ पल.

source

हमारी बस शायद गलत समय पर पंक्चर हो गयी थी

हमले के चश्मदीद ने बताया कि हमारी बस बड़े ही उत्साह से निकली ही थी कि हमारी बस ख़राब हो गयी. समय हुआ था 5 बजकर 15 मिनट कि अचानक पहाड़ों के घुमावदार रास्तों पर हमारी बस, जिसमे लगभग 56 यात्री मौजूद थे, ख़राब हो गयी थी. इसके बाद भी ड्राईवर ने बस नही रोकी और वो सीधे बस को पंक्चर की दुकान पर ले गया. वहां जब तक बस ठीक हुई सभी यात्री नीचे उतरे थे और एक दूसरे से बातचीत की. बस ठीक होते ही हम एक बार फिर अपनी मंजिल की तरफ निकल पड़े थे.

source

और अचानक से ‘सेना’ ने हम पर हमला कर दिया

ये हमला दुखद है. देश का हर इंसान इस वक़्त उन 7 श्रद्धालुओं की दुर्भाग्यवश मौत पर दुखी है, लेकिन ये जानने की आस तो शायद हम, आप या कहिये हर हिन्दुस्तानी के जहन में होगा कि उस रात आखिर हुआ क्या था? ऐसे में इस हमले के एक चश्मदीद ने इस हादसे से जुड़े कुछ ऐसे खुलासे किये हैं जिन्हें जानकर आपको भी दुःख तो होगा ही साथ ही अफ़सोस से सिर भी झुक जायेगा.

source

इस हमले के एक चश्मदीद ने बताया कि हम उस शाम यात्रा के बाद थोड़े थक ज़रूर गए थे लेकिन हमारे जोश में ज़रा भी कमी नहीं आई थी. हम बस में बैठे थे कि तभी अचानक से हमारी बस पर गोलियां बरसने लगीं. हमे दो पल को कुछ समझ नहीं आया. बस में हर तरफ से ताबड़तोड़ गोलियां बरस रही थीं. हमे समझ नहीं आया कि आखिर सेना के जवान हम पर गोलियां क्यों बरसा रहे हैं?

source

..लेकिन वो तो आतंकी थे

मौत को अपने बेहद करीब से देखने वाले इस चश्मदीद ने बताया कि उन्हें गोलियां बरसने के कुछ समय बाद पता चला कि वो सेना के जवान नहीं बल्कि देश के दुश्मन हैं. वो आतंकी थे. जब लोगों को आभास हुआ कि ये आतंकी हमला है वो खुद को बचाने के लिए जतन करने लगे. कोई सीट के नीचे छुप रहा था तो कोई एक दूसरे की आड़ में खुद को बचाने की कोशिश करने में लगा था.

source

वो आतंकी हमला था ही नहीं बल्कि..

लेकिन इस मामले से जुड़ा अब एक बड़ा खुलासा हुआ है और वो ये कि दरअसल वो आतंकी हमला था ही नहीं . जी हाँ सुनने में ये थोडा अजीब ज़रूर लग सकता है लेकिन दरअसल उस रात श्रद्धालुओं के साथ जो भी हुआ वो कोई आतंकी हमला नहीं था. तो इस वजह से हुआ था हमला…

source

एक खबर के अनुसार आतंकी बटेंगू में पुलिस जीप पर फायरिंग कर रहे थे लेकिन उसी मुठभेड़ के वक्त यात्रियों से भरी बस बीच में आ गई. इसलिए यात्री हमले के शिकार हो गए, वजह जो भी थी हमला इतनी सुरक्षा के बीच होना वाकई बहुत गलत है.