देश से भ्रष्टाचार और कालेधन को ख़त्म करने के लिए पीएम मोदी ने नोटबंदी जैसा साहसिक कदम उठाया था. नोटबंदी के फैसले पर जहाँ एक ओर जनता ने अपनी मुहर लगाई थी, वहीँ भ्रष्ट नेताओं व् व्यापारियों ने काफी चिल्ल-पों मचाई थी. सबसे ज्यादा तकलीफ तो दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को हुई थी.
वहीँ अभी कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था की नोटबंदी से अर्थव्यवस्था का काफी नुक्सान हो गया है. लेकिन विश्व बैंक ने राहुल गाँधी को जोरदार तमाचा लगाते हुए कुछ और ही आंकड़े जारी किये हैं. विश्व बैंक ने माना, तेजी से बढ़ रही है भारत की अर्थव्यवस्था
विश्व बैंक का अनुमान है कि 2017 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहेगी, जो 2016 में केवल 6.8 प्रतिशत थी. यानी अर्थव्यवस्था घटने की जगह तेजी से बढ़ती ही जा रही है. पीएम मोदी के बेहद साहसिक फैसलों के परिणाम आने वाले वर्षों में और भी बेहतर परिणाम लाएंगे.
ऐसा माना जा रहा था कि नोटबंदी के विपरीत प्रभाव को कम होने में कुछ वक़्त लगेगा और अब विश्व बैंक का कहना है कि भारत नोटबंदी के विपरीत प्रभाव से बाहर निकल रहा है. विश्व बैंक ने जनवरी के अनुमान की तुलना में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर के आंकड़ें को 0.4 प्रतिशत संशोधित किया है. जिसके अनुसार भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है.
पछाड़ दिया चीन को सबसे बड़ा झटका तो चीन को लगा है, क्योंकि विश्व बैंक के अधिकारियों के मुताबिक़ चीन की जीडीपी की वृद्धि दर के 2017 के अनुमान को केवल 6.5 प्रतिशत रखा गया है. वहीं आगामी वर्षों 2018 और 2019 में चीन की जीडीपी में और भी कमी आएगी चीन की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रह जायेगी.
वहीँ विश्व बैंक के मुताबिक़ 2018 में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत और 2019 में 7.7 प्रतिशत हो जायेगी. अब ये आंकड़े विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस के लिए बेहद डरावने हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था में कमी और कश्मीर समस्या, ये दो ही तो मुद्दे थे बेचारों के पास मोदी विरोध के लेकिन अर्थव्यवस्था के आंकड़ों ने तो बोलती बंद कर ही दी और कश्मीरी अलगाववादियों पर एनआईए के छापों के बाद उनके बैंक खातों को भी सील कर दिया गया. उनपर कार्रवाई होते ही कश्मीर समस्या से भी देश को निजात मिल जायेगी. इसके बाद 2019 चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचेगा क्योंकि मोदी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का भी एक भी मामला नहीं है