एक हिन्दू महिला बुर्का पहनकर पहुच गयी जैसे ही लोगों की उस की असलियत पता चली भगदड़ मच गयी , आखिर कोन थी ये महिला

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अब तक अपने सिर्फ मूवी में या फिर नॉवल में पढ़ा होगा या आपने पुलिस अधिकारियों को भेष बदलकर अपराधियों को पकड़ने के कई किस्से सुने होंगे. बकायदा हिंदी फिल्मों में भी इस तरह के कई सीन फिल्माए गए हैं. इसी कड़ी में सोमवार को अहमदाबाद की डीसीपी मंजीता वंजारा बुर्का पहनकर एक जुए के अड्डे की पहले रेकी करती हैं और फिर रेड मारकर 28 जुआरियों को रंगे हाथों पकड़ लेती हैं.

जुए का यह अड्डा अहमदाबाद के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पिछले काफी वक्त से चल रहा था. कई बार मिली शिकायतों और रेड के बावजूद जुआघर संचालक बच निकलते थे. सोमवार को एक बार फिर पुलिस को इसकी पुख्ता जानकारी मिली. जिसके बाद डीसीपी मंजीता वंजारा ने खुद इस रेड की कमान संभाली और बुर्का पहन कर इलाके में पहुंच गईं.

बुर्का पहने होने के कारण कोई भी उन्हें पहचान नहीं पाया. जिसके बाद उन्होंने पहले इलाके की रेकी की और मौका मिलते ही वहां जुआ खेल रहे 28 जुआरियों को धर दबोचा. पुलिस ने जुआरियों के पास से 1 लाख 14 हजार रुपये कैश भी बरामद किया है. फिलहाल पुलिस जुआरियों से पूछताछ कर रही है.

ऑपरेशन में काफी रिस्क था
डीसीपी मंजीता वंजारा ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान खतरे के रिस्क को देखते हुए वह लगातार छापेमारी टीम के अधिकारियों के संपर्क में थीं. उन्होंने आगे कहा, करीब दो घंटे तक वहां रेकी करने के दौरान एक बार जुआरियों को उन पर शक जरूर हुआ लेकिन बुर्का पहने होने की वजह से वह उन्हें पहचान नहीं पाए.

 

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की भतीजी हैं मंजीता वंजारा
मंजीता एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डी.जी. वंजारा के भाई के.सी. वंजारा की बेटी हैं. साल 2013 में आईपीएस बनीं मंजीता की पोस्टिंग शहर के एफ डिवीजन में है.

मंजीता अपराधियों को पकड़ने के अपने अलग अंदाज को लेकर काफी मशहूर हैं. वह पहले भी कई सेक्स रैकेट के खुलासे के लिए ऐसे ही रेड मारकर कर चुकी हैं.

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