आज के ज़माने की अगर बात करें तो फैशन और टेक्नोलॉजी के इस समय में हम इतने ज्यादा आगे आ चुके हैं जहाँ से वापिस आना नामुमकिन सा ही लगता है. हालाँकि टेक्नोलॉजी वाले इस युग में भी हिन्दू धर्म से जुड़ी कई ऐसी चीज़ें है जिनका लोहा वैज्ञानिक भी मानते हैं.
हिन्दू धर्म में ऐसे बहुत से रीति रिवाज हैं जो सदियों से चले आ रहे हैं और यह रीति रिवाज आगे भी ऐसे ही चलते रहेंगे इसकी पूरी-पूरी उम्मीद है. लेकिन बदलते समय के अनुसार कई रीति-रिवाज़ बदल भी गए हैं. इनमें से एक हिन्दू धर्म से जुड़ी सबसे एहम रीत मानी जाती है किसी की अंतिम क्रिया. हालाँकि यहाँ भी समय के अनुसार कुछ बदलाव ज़रूर किये गए हैं लेकिन हिन्दू धर्म के अनुसार किसी भी इंसान की अंतिम क्रिया का अपना ही महत्व माना गया है.
भगवान कृष्ण ने भगवत गीता में यह बात कही थी कि है कि मौत एक ऐसा सच है, जिसे आप किसी भी तरह से टाल नहीं सकते है. जिसने इस दुनिया में जन्म लिया है उसकी मौत आना निश्चित है.
यह बात सब ने सुनी ही होगी कि इंसान के मरने के कुछ घंटे बाद उसके शरीर से उसकी आत्मा बाहर आ जाती है और मृत्यु के बाद आत्मा का पुनर्जन्म होता है. पर क्या आप यह बात जानते हैं कि किसी की शवयात्रा को देखकर आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है.
शवयात्रा को देखकर झुककर करे नमस्कार
अगर आपने कही किसी शवयात्रा को देखा होगा तो जब भी कोई शवयात्रा निकलती है तो जिस भी शख्स को शवयात्रा दिखाई देती है वो लोग शवयात्रा को देखकर नमस्कार करते हैं और बार-बार शिव-शिव नाम का उच्चारण करते हैं.
कहा जाता है कि इसके पीछे की मान्यता यह है कि जिस इंसान की मौत हुई है उसकी आत्मा ने शरीर छोड़ा है, वह मरने के बाद अपने साथ उन सभी लोगों के कष्ट, दुख और अशुभ लक्षण भी ले जायेगी जो उसको नमस्कार कर रहे होते है.
इसके साथ ही जिस व्यक्ति की मौत हुई है उस मृत व्यक्ति को अच्छे से मुक्ति मिले. ये कुछ नियम ऐसे है जिन्हें अपनाने से आपको भी लाभ की प्राप्ति हो सकती है. इसके साथ मरने वाले इंसान की भटक रही आत्मा को शांति मिलती है. कहा जाता है कि शव को ले जाते समय रास्तें में गाँव जरुर पड़ना चाहिये.
आपको भी करनी चाहिये मरने वाले इंसान की आत्मा की शांति की प्रार्थना क्योंकि…
ज्यादातर इंसान शवयात्रा को देखकर थोड़ी देर के लिए वहीं खड़े हो जाते है और अपनी आंखे बंद करके मरने वाले इंसान की आत्मा की शांति की दुआ करते है. यह हिन्दू धर्म का एक सबसे बड़ा नियम है, जिसके मुताबिक किसी की भी शवयात्रा को देखने के एक दम बाद हमें मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए. इससे मृत आत्मा को शांति मिलती है.
धार्मिक दृष्टिकोण की बात कहे तो शवयात्रा को देखना शुभ माना जाता है. मान्यता तो ये भी है कि अगर कोई इंसान शव यात्रा को देखता है, तो उसके बिगड़े हुए सारे काम पूरे होने की संभावनाएं होती है. इस इंसान के सारे दुख दूर होते हैं और उसकी सारी इच्छाएं पूरी होती है.
अर्थी को कंधा देने से मिलता है यज्ञ के बराबर पुण्य
पुराणों की माने तो जो इंसान किसी भी ब्राह्मण की अर्थी को कंधा देता है , उसको उसके हर कदम पर यज्ञ के बराबर ही पुण्य मिलता है. अर्थी को कंधा देने के बाद सिर्फ पानी में एक डुबकी लगाने से ही व्यक्ति का शरीर पवित्र हो जाता है. हिन्दू शास्त्रों की बात करे तो अगर कोई भी ब्राह्मण पैसों के लिए किसी दूसरे ब्राह्मण के शव को कंधा देता है तो उस ब्राह्मण को पूरे 10 दिनों तक अशुद्ध माना जाता है.
वीडियो में देखिये आखिर क्यों शवयात्रा को देख लोग करते है नमस्कार