बिहार की राजनीति में जो बदलाव हुआ है उसके बाद तो भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का होसला आसमान छु रहा है. हम सभी इस बात को जानते हैं कि बिहार और यूपी उन राज्यों में से हैं जिनको सभी पार्टी जीतना चाहती है. क्योंकि इन दोनों राज्यों में सबसे ज्यादा विधानसभा की सीटें हैं. बताते चलें कि बिहार के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद मोदी सरकार को बहुत बड़ा झटका लगा था जिसके बाद अनुमान यह लग रहे थे कि यूपी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की हार तय है. लेकिन ऐसा हुआ नहीं बिहार की हार की पूरी भरपाई मोदी सरकार ने यूपी चुनाव में कर ली. इसके साथ ही पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा ने यूपी में अपनी सरकार बना ली.
आज हम बिहार की राजनीति के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, हम बात कर रहे हैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमित शाह अपने तीन दिन के दौरे पर लखनऊ गए हुए हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी में जैसे ही शाह पहुंचे उसके बाद वहां की राजनीति और ज्यादा गरम हो गई है. वहां के माहौल में गर्मी का मुख्य कारण था शाह के भाजपा कार्यकर्ता के घर जाकर लंच करना.
भाजपा के जिस कार्यकर्ता के घर जाकर अमित शाह ने लंच किया था वो भाजपा का एक सामान्य सा कार्यकर्ता है जिसका नाम सोनू यादव है. अमित शाह का सोनू के यहाँ लंच करना कुछ लोगों को राजनितिक हथकंडा लग रहा है तो कुछ लोग इसे सामान्य बता रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को अपने घर पर लंच कराने के बाद पूरा परिवार गदगद है. लोगों का कहना है कि शाह ने सोनू के घर पहुँच कर बेहद सामन्य तरीके से लंच किया.
शाह ने लंच करने के बाद सोनू को आशीर्वाद देते हुए कहा कि पूरी पार्टी आपके और आपके परिवार के साथ खड़ी है. इस पूरे वाक्य में सबसे हैरानी की बात तो ये थी कि सोनू यादव के घर सिर्फ अमित शाह ने ही लंच नहीं किया उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे और उनके साथ लंच किया.
समाजवादी पार्टी में पड़ी फूट से भाजपा को मिल रहा है लाभ!
समाजवादी पार्टी के टूटने से किसी को कुछ फायदा मिला हो या नहीं, लेकिन भाजपा को यादव परिवार के बिखरने से बहुत फायदा हुआ है. अगर यूपी चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी नहीं टूटती तो भाजपा को यूपी में सरकार बनाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता. इतना ही नहीं चुनाव के बाद आज भी बीजेपी यादव परिवार में फूट का पूरा लाभ लेना चाहती है.
हम सभी इस बात को जानते हैं कि जबसे यादव परिवार टूटा है उसके बाद से समाजवादी पार्टी को बनाने वाले मुलायम सिंह यादव को पार्टी से अलग कर दिया है. पार्टी के अंदर अब मुलायम सिंह की बिल्कुल नहीं चलती. मुलायम के पार्टी में अलह-थलग होने के बाद भाजपा उनसे बहुत सहानुभूति दिखा रही है.
इतना ही नहीं मुलायम सिंह यादव भी अब बीजेपी की तरफ अपना झुकाव रखते हैं और कई मुद्दे पर मोदी सरकार के साथ रहे हैं. अगर हालहि की बात की जाए तो मुलायम ने भाजपा के उम्मीदवार को अपना वोट भी दिया था. कुछ भी अमित शाह के सोनू यादव के घर जाकर लंच करने से राज्य की यादव पॉलिटिक्स करके सबको चौंका दिया है.