महज एक तस्वीर, जिस तस्वीर में बेदर्दी से पिटती एक महिला, जिसे देखने पर पता चलेगा की उसके शरीर पर नाम मात्र के ही कपड़े बचे हैंl साथ ही नजर आएगा पीटने वाला सफेद शर्ट पहने एक मर्दl जी हाँ इसके अलावा भी इस तस्वीर की और ढेर सारी व्याख्याएं और उससे भी ज्यादा अफवाहें हो सकती हैंl विचलित करने वाली इस तस्वीर को सोशल मीडिया के बाजार में किसी भी शक्ल में बेचा जा सकता हैl
अगर इस तस्वीर को और ज्यादा वायरल करना चाहते है तो आप पीटने वालों को किसी भी मजहब, किसी भी पार्टी का जामा पहना सकते हैंl मार खाने वाली महिला को भी डायन या चोर बताकर आसामाजिक तत्व तक घोषित कर सकते हैंl आपको सुनकर शायद हैरानी होगी कि करीब 10 साल पुरानी इस फोटो के साथ ये सब कोई पहली बार नहीं बल्कि कई बार हो चुका हैl उसी कड़ी में अब, एक बार फिर हुआ हैl
इस बार विचलित करने वाली ये तस्वीर यूपी के CM योगी आदित्यनाथ के नाम पर उनके एक फैन पेज चलाने वालों ने इस्तेमाल की हैl फेसबुक पर करीब एक लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स वाले योगी के इस फैन पेज पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया है कि…
‘ये एक हिंदू महिला है, जिसे कांग्रेसी कार्यकर्ता नंगा करके पीट रहे हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल में इस महिला ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के पक्ष में नारे लगाए थेl’
आज हम आपको इस तस्वीर की असल सच्चाई से रूबरू करायेंगेl चलिए जानते है इस तस्वीर के पीछे की कहानीl तो सच्चाई ये है कि ये तस्वीर दरअसल पश्चिम बंगाल की है ही नहीं, बल्कि ये तस्वीर असम की हैl और इसे शेयर करते हुए जो इसे 2017 की घटना बता रहे है दरअसल ये घटना 2017 की नहीं, बल्कि 2007 की हैl साथ ही सबसे बड़ी बात ये है कि पिटने वाली पीड़ित महिला न तो मोदी के पक्ष में नारे लगा रही थी और न उसे पीटने वाला कांग्रेसी हैl
तो क्या है इस फोटो की पूरी सच्चाई
जानकारी के लिए बता दें कि तस्वीर में दिख रही महिला का नाम लक्ष्मी ओरंग बताया जा रहा हैl ये तस्वीर उस वक्त की है जब साल 2007 में 24 नवंबर, को असम की राजधानी गुवाहाटी में आदिवासी चाय मजदूर खुद को अनुसूचित जनजाति में शामिल करवाने के लिए उग्र प्रदर्शन कर रहे थेl तब 19 साल की लक्ष्मी भी उस प्रदर्शन में शामिल थींl प्रदर्शन के बीच कुछ स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रदर्शन में दखल देना शुरू कर दिया और हिंसा शुरू हो गईl इस पूरी घटना का वीडियो यूट्यूब पर देखा जा सकता है कि कैसे लोगों ने हिंसक होकर प्रदर्शन कर रहे लोगो के साथ हैवानियत की सारी हदे पार कर दीl
देखें वीडियो…
उस वक्त गलती किसकी थी इस बात का तो अभी तक पता नहीं लग सकाl लेकिन इस वीडियो को देख इतना तो साफ पता चल रहा है कि वहां लोगों के साथ किस हद तक बर्बरता की गई थीl खुद लक्ष्मी की ये तस्वीर दिखाती है कि उनके साथ इंसानियत को शर्मसार करने वाला हर कार्य किया गया थाl उसी दिन 24 नवंबर की ही लक्ष्मी की कुछ और तस्वीरें भी आपको सोशल मीडिया पर दिख जाएगी, जिन्हें अक्सर कुछ लोग जहाँ अपने फायदे के लिए अफवाहों के साथ चिपका देते है तो वहीँ कुछ लोग उन्हें सच मान भी लेते हैंl उसी का एक नमूना है ये तस्वीर…
पीड़ित लक्ष्मी की इन तस्वीरों के आधार पर अफवाह फैलाना कोई नई बात नहीं हैl
योगी आदित्यनाथ के पेज पर अपना पोस्ट शेयर होने की कॉन्ट्रोवर्सी के बाद लक्ष्मी ने क्या कहा..?
महज 19 साल की उम्र में इतना सब कुछ झेलने के बाद पारिवारिक जिंदगी में लौटना हर किसी के लिए बेहद मुश्किल होता है, लेकिन ऐसी अफवाहें लक्ष्मी के जख्म न केवल बार-बार कुरेदती है बल्कि उसे सालों पहले का वो खौफनाक मंज़र भी नहीं भूलने देती हैl
आपको बता दें कि CM योगी के फैन पेज पर 10 साल पहले की इन तस्वीरों के शेयर होने के बाद अब लक्ष्मी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ और असम से बीजेपी सांसद रामप्रसाद शर्मा के खिलाफ केस कर दिया हैl साथ ही इस मामले में पुलिस ने जांच करते हुए बताया कि जिस पेज से लक्ष्मी की तस्वीरे शेयर हुई वो योगी आदित्यनाथ के नाम पर चल रहा फ़ेक एकाउंट है, जो कि फेसबुक पर टाइम देने वाले किसी भी शख्स को पता होगाl इस पोस्ट को असम से बीजेपी सांसद रामप्रसाद शर्मा ने शेयर किया था हालांकि बाद में इसे हटा भी लिया थाl अपनी तस्वीरों को गलत तरीके से इस्तेमाल होने के बाद लक्ष्मी ने चुपी तोड़ते हुए कहा,
‘प्रधानमंत्री लगातार कहते रहते हैं कि बेटी बचाओ, लेकिन उन्हीं की पार्टी के नेता महिलाओं को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैंl 10 साल पहले जब मेरे कपड़े उतारे गए थे, तब कांग्रेस की सरकार थी और आज 2017 में जब बीजेपी की सरकार है, तब एक बार फिर मेरे कपड़े उतारे गए. ये शर्म की बात हैl’
तहकीकात करने पर पता चलता है कि साल 2007 में एक बड़े अखबार टेलिग्राफ ने सबसे पहले इस पूरी घटना को रिपोर्ट करते हुए एक तस्वीर छापी थी, जिसके मुताबिक इन तीन लड़कों ने लक्ष्मी को पीटा और नंगा किया थाl
इस मामले ने ये साफ़ कर दिया है कि सोशल मीडिया ने जहाँ आम आदमी के लिए खबरों तक पहुंचना जितना आसान किया है उतना ही लोगों को लापरवाह भी बनाया हैl इस बात में भी कोई दौराय नहीं है कि ये मामला लापरवाही का कम, द्वेष का ज्यादा हैl ये एक ऐसा घिनौना कारनामा है जिसकी मदद से किसी भी पार्टी को उठाया और दूसरी पार्टी को बदनाम किया जा सकता हैl अपने थोड़े से फायदे के चलते अपना एजेंडा फैलाने के लिए ऐसा करने वालों को हालांकि सुधार तो नहीं जा सकता, लेकिन जिनकी ऐसी कोई मंशा नहीं है, उन्हें जागरूक जरूर किया जा सकता हैl